खरीफ प्याज की खेती आय दुगनी करने का सशक्त माध्यम: डॉक्टर तिवारी


कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ग्राम  पचपुखरा ब्लॉक जलालाबाद में चलाए जा रहे कार्यक्रमों का अवलोकन डॉ  ए. के. तिवारी, निदेशक, कृषि एवं सहकारिता, दलहन निदेशालय, भोपाल, भारत सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने केंद्र द्वारा किसानों के प्रक्षेत्र पर बीज उत्पादन, तकनीकी हस्तांतरण, चौड़े बेड पर आलू की बुवाई, खरीद प्याज तथा गेहूं की उन्नत प्रजातियों के प्रदर्शनों का  निरीक्षण किया। उन्होंने पाया की किसान यदि खरीफ प्याज की खेती करते हैं तो प्रति बीघा रू 25 से 30 हजार का शुद्ध लाभ कमा सकते हैं । किसान विजय सिंह, राहुल आदि से वार्ता करते समय उन्होंने बताया के प्रति बीघा 10 से 12 कुंटल कुंटल  प्याज आसानी से तैयार हो जाता है जिसका बाजार भाव रुपए 30 प्रति किलोग्राम है।  डॉ तिवारी ने यह भी पाया चौड़ी बेड पर 3 लाइन आलू की बुवाई करने पर प्रत्येक लाइन में आलू का अच्छा उत्पादन हो रहा है तथा सभी पौधों में समान रूप से कंद लगे हुए हैं । उन्होंने अन्य किसानों को भी सलाह दी इस प्रकार की तकनीक को बड़े पैमाने पर लगाकर अधिक उत्पादन के अतिरिक्त पानी की भी बचत कर सकते हैं । उन्होंने केंद्र द्वारा लगाए गए प्रदर्शनों का भी अवलोकन किया ।आलू की कुफरी पुखराज प्रजाति के बीज उत्पादन कार्यक्रम संतोष व्यक्त किया तथा अधिक से अधिक किसानों को बीज उपादान करने की सलाह दी। इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. वी .के .कनौजिया ने बताया की खरीफ प्याज की पौध मार्च से लेकर जून तक तैयार कर ली जाती है उसके बाद तैयार छोटे-छोटे बल्ब्स को 15 अगस्त से खेतों में रोपण किया जाता है जो अंतिम नवंबर से खुदाई योग्य हो जाते हैं । उन्होंने यह भी बताया की आलू की कुफरी पुखराज प्रजाति का बीज उत्पादन किसानों के खेतों पर कराया जा रहा है और उत्पादित बीज को अन्य किसान खरीद रहे हैं । डॉ. तिवारी ने केंद्र पर चल रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में कृषि विज्ञान केंद्र और अधिक प्रभावी ढंग से किसानों के लिए कार्य कर पाएगा।

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