खोखे की रोटी और दबंगई का तमाचा – उषा रानी की लड़ाई इंसाफ के लिए

लेख (समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका)

लेखक: शौकीन सिद्दीकी (जिला ब्यूरो-चीफ, शामली) | कैमरामैन: रामकुमार चौहान


शामली की तंग गलियों में संघर्ष की आवाज़ अक्सर दब जाती है। परंतु इस बार रेलपार गली नंबर 4 की रहने वाली उषा रानी ने न सिर्फ अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाई, बल्कि न्याय के लिए सार्वजनिक रूप से सामने आकर अपनी पीड़ा साझा की है। उषा रानी एक मेहनतकश महिला हैं, जो वर्षों से रेलवे स्टेशन के बाहर एक छोटे से खोखे पर चाय-नाश्ते का सामान बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं।

घटना का विवरण:

दिनांक 31 जुलाई 2025, सुबह करीब 10 बजे, उनके खोखे के पास चाऊमीन का ठेला लगाने वाला युवक सचिन पुत्र राजेन्द्र (निवासी गली नंबर 5, शामली) उग्र हो गया। उषा रानी का कहना है कि सचिन अक्सर उनसे गाली-गलौच करता रहता है, लेकिन इस दिन बात हाथापाई तक पहुँच गई।

पीड़िता के अनुसार, सचिन ने न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि उनके बेटे शुभम, जो उन्हें घर से चाय देने आया था, के साथ भी गाली-गलौच और हिंसा की। इतना ही नहीं, शुभम को इतनी गंभीर चोट लगी कि उसकी हाथ की हड्डी टूट गई। यह कोई साधारण झगड़ा नहीं था – यह खुलेआम गुंडागर्दी और एक महिला को उसके हक से बेदखल करने की साजिश थी।

दबंगई की परतें:

पीड़िता के अनुसार, सचिन न केवल दबंग स्वभाव का है, बल्कि उसके संपर्क में कई संदिग्ध तत्व भी हैं। वह खुलेआम शराब पिलवाता है और अपने साथ बदमाशों को बिठाकर दहशत फैलाता है। उसका मकसद साफ है – उषा रानी का खोखा हटवाना और उन्हें डराकर वहां से भगा देना।

प्रशासन से गुहार:

उषा रानी ने स्थानीय प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर खुद व अपने परिवार की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने आरोपित सचिन के खिलाफ सख्त कार्यवाही की अपील की है, ताकि आने वाले दिनों में कोई भी महिला इस तरह के उत्पीड़न का शिकार न हो।

सवाल उठते हैं:

  • क्या गरीब और मेहनतकश महिलाओं को सड़क किनारे जीवन यापन करने का हक नहीं है?
  • क्या दबंगई, शराबखोरी और धमकी देने वाले खुलेआम घूमते रहेंगे?
  • क्या प्रशासन पीड़ित की पुकार सुनकर समय पर कार्यवाही करेगा?

हमारी जिम्मेदारी:

समाज के रूप में और मीडिया के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसी घटनाओं को उजागर करें, ताकि कमजोर वर्गों की आवाज़ न दबे। समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका न केवल इस घटना को उजागर कर रही है, बल्कि प्रशासन और समाज से यह अपील भी करती है कि उषा रानी जैसे हर संघर्षशील नागरिक को सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए।


सम्पर्क: 📞 समझो भारत न्यूज़ नेटवर्क
#samjhobharat
🌐 www.samjhobharat.com
📩 samkhobharat@gmail.com
📱 8010884848


#महिला_सुरक्षा #गरीब_की_आवाज #समझो_भारत #शामली_खबर #खोखा_वाले_की_लड़ाई #दबंगई_का_सच #सचिन_के_खिलाफ_कार्रवाई #उषा_रानी_को_इंसाफ #शुभम_को_न्याय


No comments:

Post a Comment