शामली।
आस्था जब सच्ची हो और विश्वास अटूट हो, तो सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे हो जाते हैं। इसका जीवंत उदाहरण शुक्रवार को जिले के कस्बा झिंझाना से देखने को मिला, जब भक्त चरण दास ने अपनी मन्नत पूरी होने पर माता राधा रानी के दर्शनों के लिए नंगे पैर झिंझाना से वृंदावन तक की पदयात्रा शुरू की।
मन्नत पूरी होने पर उठाया कदम
भक्त चरण दास ने सुबह 11:45 बजे अपनी माता जी के चरण छूकर और माता राधा रानी को दंडवत प्रणाम करके यह यात्रा आरंभ की। उन्होंने बताया कि माता राधा रानी की कृपा से उनके बड़े पुत्र केशव नामदेव को बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली है।
यही आशीर्वाद मिलने के बाद उन्होंने वृंदावन की यह पदयात्रा करने का निश्चय किया। विशेष बात यह भी रही कि उसी दिन सुबह केशव नामदेव ने जम्मू-कश्मीर में अपनी नौकरी ज्वाइन भी की।
350 किलोमीटर की आस्था यात्रा
करीब 350 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का पहला पड़ाव जिले का एलम और दूसरा पड़ाव बागपत होगा। यह यात्रा लगभग 10 दिनों में पूरी होगी और वृंदावन में श्री ज्ञानानंद जी महाराज के आश्रम में संपन्न होगी।
भजनोपदेशकों का परिवार
भक्त चरण दास आध्यात्मिक परंपरा से जुड़े परिवार से हैं। उनके पिता रतनलाल ने अपना जीवन परम विदुषी ज्ञानानंद जी महाराज की सेवा में बिताया और एक श्रेष्ठ भजनोपदेशक के रूप में पहचान बनाई। उसी मार्ग पर चलते हुए चरण दास भी माता राधा रानी के भजनोपदेशक हैं।
उन्होंने यात्रा और पुत्र की नौकरी का संपूर्ण श्रेय माता राधा रानी की असीम कृपा को दिया है।
✍️ “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📍 शामली, उत्तर प्रदेश से रिपोर्ट – जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी
🎥 कैमरामैन – रामकुमार चौहान
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