मिट्टी अवैध खनन की खबरों से बौखलाए माफिया और दलाल — पत्रकारों पर अभद्रता व झूठे आरोप, दुकान पर हंगामा

शामली (उत्तर प्रदेश) जिले के कस्बा झिंझाना में अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ लगातार खबरें प्रसारित होने के बाद खनन माफिया और उनके दलाल बौखला गए। इस बौखलाहट का नतीजा यह निकला कि बुधवार को माफिया से जुड़े 5-6 लोग एक वरिष्ठ पत्रकार के भाई की दुकान पर पहुंच गए और वहां हंगामा करते हुए नकली कीटनाशक दवाइयां बेचने के झूठे आरोप लगाने लगे।

घटना का क्रम

जानकारी के अनुसार, झिंझाना कस्बे में मिट्टी के अवैध खनन का खुलासा एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए किया गया था, जिसमें आरोपियों ने कैमरे पर स्वीकार किया था कि खनन के बदले पुलिस को एक रात की भारी रकम दी जाती है। इस स्टिंग के बाद इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में खबरें प्रमुखता से चलीं, जिससे खनन में संलिप्त लोग गुस्से में आ गए।

बुधवार को यही लोग, जो खुद को किसान बता रहे थे, पत्रकार सन्नी के भाई रवि की कीटनाशक दवाइयों की दुकान पर पहुंचे और जोरदार हंगामा किया। आरोप लगाया गया कि वहां से नकली पेस्टिसाइड्स बेचे जा रहे हैं, जिससे किसानों की धान की फसल जल गई।

अधिकारियों की जांच

मौके पर ऊन तहसील के नायब तहसीलदार रविंद्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी प्रदीप कुमार, और आपूर्ति विभाग के एआरओ सुंदरिया लाल पहुंचे। उन्होंने गोदाम की जांच की और सैंपल लेकर लैब भेज दिए। साथ ही गोदाम को सील भी कर दिया गया। अधिकारियों की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दुकान पत्रकार सन्नी के भाई रवि की है, न कि पत्रकार सलेक चन्द वर्मा की, जिन पर झूठा आरोप लगाया जा रहा था।

झूठा प्रचार और साजिश

हंगामा करने वालों ने दावा किया कि उन्होंने करीब 8 दिन पहले सलेक चन्द वर्मा की दुकान से दवाई खरीदी थी। लेकिन स्थानीय लोगों ने मौके पर ही साफ कर दिया कि सलेक चन्द वर्मा की वहां कोई दुकान नहीं है। लगभग दो साल पहले वे वहां प्रेस कार्यालय चलाते थे, जो मात्र दो महीने में बंद कर दिया गया था।

वरिष्ठ पत्रकार सलेक चन्द वर्मा ने बताया कि उन्होंने जीवन में कभी कीटनाशक दवाइयों का कारोबार नहीं किया। उनकी 30 साल की बेदाग पत्रकारिता छवि को खराब करने के लिए खनन माफिया झूठे आरोप गढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ऐसे लोगों से अपनी जान का खतरा है।

निष्कर्ष

यह पूरा घटनाक्रम साफ करता है कि अवैध खनन पर लगाम कसने के बजाय माफिया, पत्रकारों की साख गिराने और उन्हें डराने के लिए ओछे हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसे मामलों में न सिर्फ स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला होता है, बल्कि कानून और प्रशासन की साख भी दांव पर लग जाती है।

रिपोर्ट
समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
शामली (उत्तर प्रदेश) से जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी
कैमरामैन: रामकुमार चौहान

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