राष्ट्रीय सौहार्द व भाईचारे का अद्भुत संगम उत्तर प्रदेश साहित्य सभा शाखा शामली द्वारा "मिलन" कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन

शामली, उत्तर प्रदेश।

आज के समय में जब सामाजिक ताने-बाने में खिंचाव और वैमनस्य की आहटें सुनाई दे रही हों, ऐसे में अगर कोई संस्था प्रेम, सौहार्द और एकता के गीत गुनगुनाने की पहल करे, तो वह निस्संदेह सराहना के योग्य होती है।

उत्तर प्रदेश साहित्य सभा शाखा शामली के तत्वावधान में ऐसा ही एक प्रेरणादायक कार्यक्रम — "मिलन कवि सम्मेलन"मिलन प्वाइंट, शामली के सुसज्जित हाल में आयोजित किया गया। यह आयोजन पूर्णतः राष्ट्रीय सौहार्द एवं भाईचारे को समर्पित रहा, जहाँ देश के विभिन्न भावनात्मक रंगों को काव्य के माध्यम से पिरोया गया।


मुख्य अतिथि और आयोजन समिति

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे वरिष्ठ भाजपा नेता राकेश गांगुली (देवबंद) तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे वरिष्ठ पत्रकार गौरव विवेक
वरिष्ठ शायर प्रदीप मायूस ने इस कार्यक्रम की संयोजन भूमिका को बखूबी निभाया और शुरुआत मां सरस्वती को माल्यार्पण कर की गई।


🎙️ काव्य के स्वर – सौहार्द के संदेश

मंच पर एक से बढ़कर एक कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और ऐसे शेर व गीत प्रस्तुत किए जिनमें
देशप्रेम, कर्तव्यबोध, मानवता और एकता
की भावनाएं मुखर थीं।

📝 प्रदीप मायूस

“भारत का ज़र्रा ज़र्रा भी हमको चंदन से बढ़कर है,
पावन माटी इस धरती की हमको मधुबन से बढ़कर है।”

📝 पवन कुमार पवन

“जहाँ मैं श्वास लेता हूँ, चमन के गीत गाऊँगा...
झुलसती क्यारियों में फिर बहारें चाहता हूँ मैं।”

📝 श्री कांत शर्मा

“अधिकारों की होड़ मची है, कर्तव्यों का ज्ञान नहीं...
पढ़े-लिखे कुछ लोगों को मर्यादा का ध्यान नहीं।”

📝 प्रीतम सिंह प्रीतम

“उन्हें विजय नहीं मिलती जो विजय-विजय चिल्लाते हैं,
पानी पर लिखे अक्षर तो पानी में बह जाते हैं।”

😂 अनिल पोपट कामचोर

“तांक-झांक छोड़ दे अपनी, जीवन रूपी यज्ञवेदी की अग्नि तलाश कर…”
“पोपट गर चाहता है कल तुझको भी कोई रोए, छोड़ दे ये एकाकी, जीवन-पत्नी तलाश कर।”

📝 बृजेश कुमार चितेरा

“तू मेरी गीता, मैं तेरी कुरान पढ़ लूं,
सब कुछ बाद में, पहले इंसान पढ़ लूं।”

📝 शिवम् सम्राट

“मैं पक्षी हूँ नील गगन का, ऊँचा उड़-उड़ जाऊँगा,
सपने कर साकार अपने, मंज़िल को अपनी पाऊँगा।”


🌟 विशेष सहभागिता

वसीम झिंझानवी, रमेश चंद्रा गौतम, अरुण शर्मा, अनीस अहमद अनीस, राजीव भावज्ञ, प्रमोद कंडेरा, सुधीर जगधर, शाहनवाज सिद्दीकी, सरदार मंजीत सिंह जैसे तमाम प्रतिष्ठित कवियों ने भी अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर किया।


🎂 सम्मान व जन्मदिवस उत्सव

कार्यक्रम के अंत में कवयित्री डॉ. वनीता चोपड़ा के जन्मदिवस को भी हर्षोल्लास से मनाया गया। केक काटकर और उपहार देकर उन्हें सम्मानित किया गया।


🫱‍🫲 समापन और आभार

कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश बजाज ने की तथा देवबंद से विजय कुमार, राजेश गांगुली, सरदार सुरजीत सिंह, पपेंदर सिंह, दिनेश गहलोत सहित सैकड़ों श्रोता कार्यक्रम में मौजूद रहे।
अंत में सभी आमंत्रितों को जलपान कराकर सौहार्दपूर्ण विदाई दी गई।


रिपोर्ट:
समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
जिला ब्यूरो-चीफ: शौकीन सिद्दीकी
कैमरामैन: रामकुमार चौहान
📞 #samjhobharat | 8010884848
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📩 samjhobharat@gmail.com


"कविता का स्वर, समाज का चरित्र है — और जब ये स्वर एकता के गीत गाते हैं, तो राष्ट्र स्वयं मुस्कुराने लगता है…"

— समझो भारत संपादकीय


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