समाज में फिजूलखर्ची और दिखावे के खिलाफ बड़ा कदम: सोंता रसूलपुर में मुस्लिम राजपूत वेलफेयर एसोसिएशन की ऐतिहासिक पंचायत

✍️ रिपोर्ट: नदीम चौहान, संवाददाता – समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📍स्थान: सोंता रसूलपुर, जिला शामली (उत्तर प्रदेश)


आज जब पूरे देश में शादी-ब्याह, रस्मों-रिवाज और सामाजिक आयोजनों में दिखावा, फिजूलखर्ची और दिखावटी प्रतिस्पर्धा एक आम प्रवृत्ति बन चुकी है, ऐसे दौर में सोंता रसूलपुर की ऐतिहासिक पंचायत ने समाज सुधार की एक सशक्त मिसाल पेश की है।

रविवार को मुस्लिम राजपूत वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में मदरसा अरबिया मदीनातुल उलूम परिसर में एक विशेष पंचायत का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समाज के भीतर सुधार और बेहतरी की दिशा में ठोस कदम उठाना था। इस पंचायत की अध्यक्षता राव साजिद नंबरदार ने की, जबकि संचालन की जिम्मेदारी पूर्व जिला पंचायत सदस्य मास्टर जाहिद ने निभाई।


🔷 पंचायत के अहम निर्णय और सुधारात्मक घोषणाएं

💸 निकाह में फिजूलखर्ची पर रोक

पंचायत ने एकमत से यह तय किया कि निकाह के दौरान होने वाली अत्यधिक फिजूलखर्ची को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। इसमें महंगे लिबास, भव्य सजावट, डीजे, आतिशबाजी, और नाच-गाना जैसी चीज़ों को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया।

🍛 मय्यत के मौके पर खाने की परंपरा खत्म

मृत्यु के बाद शोककाल में भोजन कराने की परंपरा, जो वर्षों से आर्थिक और मानसिक बोझ का कारण बनी हुई थी, उसे समाप्त करने का ऐलान किया गया।

🧧 पुरानी रस्मों पर पाबंदी

‘सलामी’, ‘जूता चुराई’, और ‘लाड-कोथली’ जैसी दिखावे और औपचारिकता भरी रस्मों को खत्म करने का सामूहिक निर्णय लिया गया। पंचायत ने यह स्पष्ट किया कि ये परंपराएं न केवल अनावश्यक खर्च बढ़ाती हैं, बल्कि समाज में असमानता और दबाव भी पैदा करती हैं।

👀 रिश्ता तय करने की नई प्रणाली

अब लड़की को देखने के लिए जाने वालों की संख्या 2 से 4 व्यक्तियों तक सीमित रहेगी। साथ ही रिश्ते की ‘चिट्ठी’ (स्वीकृति) लेने हेतु दो जिम्मेदार व्यक्तियों की नियुक्ति को अनिवार्य किया गया है, जिससे निर्णय में पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित हो सके।


🔷 नशाखोरी और मुखबिरी के खिलाफ अभियान

संगठन के संयोजक राव अब्दुल सत्तर ने घोषणा की कि मुस्लिम समाज के युवाओं को नशाखोरी से दूर रखने और मुखबिरी जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा।


🔷 बेटियों के वैवाहिक विवाद पंचायत से सुलझेंगे

अगर मायके में रह रही बेटियों के वैवाहिक जीवन में कोई समस्या आती है, तो पंचायत के ज़रिए उसका समाधान किया जाएगा। यह पहल न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में है, बल्कि पारिवारिक एकता और सम्मान की रक्षा भी करेगी।


🔷 विशेष पंचायत प्रणाली का गठन

सभी नए सामाजिक नियमों के पालन और निगरानी हेतु एक विशेष पंचायत प्रणाली की स्थापना की जाएगी, जो समय-समय पर सुधारों की समीक्षा करेगी और उल्लंघन पर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।


🏆 हबीबुर रहमान को सम्मान

इस आयोजन में नीट परीक्षा 2025 में सफलता हासिल करने वाले हबीबुर रहमान पुत्र राव रब्बानी बुन्टा को सम्मानित किया गया। उन्हें मुस्लिम राजपूत बिरादरी की ओर से मुमेंटो भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। यह सम्मान शिक्षा को प्राथमिकता देने और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास है।


🔷 पंचायत में प्रमुख उपस्थितगण

इस समाजिक क्रांति के साक्षी बने कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे, जिनमें पूर्व विधायक राव वारिश, चेयरमैन हाजी राव जमशेद, मुर्सलीन प्रधान, असलम प्रधान, भुट्टू प्रधान, मुफ्ती अब्दुल्ला कासमी, मा॰ आदिल, मा॰ गुफ़रान, नसीर प्रधान, जमीर चौहान समेत कई सम्मानित जन शामिल थे।


✍️ निष्कर्ष

सोंता रसूलपुर की यह पंचायत समाज सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में दर्ज की जाएगी। जिस प्रकार मुस्लिम राजपूत वेलफेयर एसोसिएशन ने जिम्मेदारी और दूरदर्शिता का परिचय दिया है, वह न केवल अन्य समुदायों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा, बल्कि सामाजिक बदलाव की नींव को भी मज़बूत करेगा।

📌 समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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