राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन: नशा मुक्त भारत की ओर एक मजबूत कदम


✍️ ब्लॉगर: ज़मीर आलम | स्रोत: समझो भारत


लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय मध निषेध दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ एक ऐतिहासिक आयोजन की साक्षी बनी, जब देश के 12 राज्यों और उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों से नशा मुक्ति के योद्धा एकजुट हुए। मंच था – राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन, आयोजनकर्ता – शराबबंदी संघर्ष समिति

इस महासम्मेलन ने समाज को झकझोर देने वाला संदेश दिया – “अब समय आ गया है कि नशे को सिर्फ मंच से नहीं, बल्कि घर-घर जाकर जड़ से उखाड़ा जाए।”


🔸 दीप प्रज्वलन से शुरू, संकल्प के स्वर तक

महासम्मेलन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री माननीय बृजेश पाठक द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। उनके साथ मंच साझा कर रहे थे राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, पूर्व राज्य मंत्री हरपाल सिंह जग्गी, नगर पंचायत देवां के अध्यक्ष मोहम्मद हारुन वारसी, मुस्लिम स्कॉलर मौलाना सिब्ते नूरी, बौद्ध भिक्षु भिक्खु ज्ञान, और अन्य गणमान्य अतिथि।


🔹 मुख्य संदेश: नशा सिर्फ शरीर को नहीं, समाज को भी खोखला करता है

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा,

“लोग सदियों से जानते हैं कि नशा बुरा है, फिर भी यह बढ़ता जा रहा है क्योंकि हमने अपने बुजुर्गों की सीखों को अपनाना छोड़ दिया। हमें इसे घर-घर तक ले जाने की ज़रूरत है।”

राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बेहद मानवीय अपील की,

“मैं यहां एक मंत्री नहीं, एक आम इंसान बनकर आया हूं – यह लड़ाई हमारे घरों से शुरू होनी चाहिए।”


🔸 समिति का समर्पण: घर-घर जाकर युवा पीढ़ी को जगाने का प्रयास

राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तज़ा अली ने स्पष्ट कहा –

“यदि परिवार और दोस्त साथ दें, तो नशे पर काबू पाया जा सकता है। एकजुट समाज ही सशक्त समाज होता है।”

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने चिंता व्यक्त की कि

“आज युवा और विद्यार्थी वर्ग सबसे अधिक नशे की चपेट में है। हमें स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों में जाकर जागरूकता फैलानी होगी।”


🩺 सेवा का संगम: नि:शुल्क चिकित्सा शिविर भी रहा आकर्षण का केंद्र

हैनीमैन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित चिकित्सा शिविर में डॉ आदर्श त्रिपाठी और डॉ राधेश्याम यादव के नेतृत्व में नशा छुड़ाने की होम्योपैथिक दवाएं वितरित की गईं। यह आयोजन केवल भाषण नहीं, बल्कि ठोस सेवा का प्रदर्शन भी था।


🌍 देश भर से जुटे योद्धा – एक मकसद, एक मिशन

सम्मेलन में राजस्थान से पूजा भारती छाबड़ा, उत्तराखंड से जे.सी. उत्प्रेती, मध्यप्रदेश से हरिओम गौतम, बिहार से वरुण सिंह, झारखंड से मायादेवी, कश्मीर से मुश्ताक वाला सहित देशभर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हर जिले और राज्य से आए कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


🙌 कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सैकड़ों चेहरे – सच्चे नायक

इस आयोजन को सफल बनाने में इमरान भाई, शाहिद अली, कुदरत खान, फहीम, हलीमा अजीम, ताबिश अली, प्रशांत कुमार, मनीष वर्मा, खालिद इस्लाम, डॉ अम्मार नगरामी, और दर्जनों समर्पित कार्यकर्ताओं ने दिन-रात एक किया।


🛑 अंतिम संदेश: शराबबंदी अब आंदोलन नहीं, क्रांति बने

कार्यक्रम का समापन करते हुए मुर्तज़ा अली ने दो टूक कहा –

“नशा सिर्फ शारीरिक नहीं, सामाजिक बीमारी है। हम सबको मिलकर इसे जड़ से समाप्त करना है।"


📌 विशेष नोट: यदि आप इस आंदोलन से जुड़ना चाहते हैं या अपनी कोई रिपोर्ट, लेख या सूचना समझो भारत में प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो WhatsApp करें – 8010884848


✍️ ब्लॉगर: ज़मीर आलम
📰 समझो भारत – ज़मीनी सच्चाइयों की आवाज़
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