कैराना में वाल्मीकि समाज ने किया एक परिवार का बहिष्कार, मुनेश वाल्मीकि की दुख भरी कहानी

कैराना। कस्बे में एक वाल्मीकि परिवार के साथ समाज के कुछ सदस्यों द्वारा किए गए बहिष्कार ने एक भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। परिवार की मातृ शक्ति मुनेश ने अपने बेटे की कोर्ट मैरिज के बाद अपने और अपने परिवार के साथ हुए अमानवीय व्यवहार का सामना करते हुए अपनी कहानी साझा की है। यह मामला न केवल व्यक्तिगत संघर्ष का है, बल्कि यह समाज में व्याप्त कट्टरता और भेदभाव का भी एक कड़वा उदाहरण पेश करता है।

मुनेश के बेटे ने अपने प्रेम के सुरक्षा के लिए कोर्ट मैरिज करने का साहसिक निर्णय लिया। इस फैसले ने उनके परिवार को सामाजिक निंदा का शिकार बना दिया। समाज के कुछ संदिग्ध तत्वों ने इस निर्णय को नकारते हुए परिवार को 10 साल के लिए बहिष्कृत कर दिया। यह घटना केवल एक परिवार के टूटने का कारण नहीं बनी, बल्कि यह समाज में भेदभाव के गहरे जड़ों को भी उजागर करती है। 

नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत मुनेश ने अपनी दयनीय स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब न केवल उनके समाज के लोग, बल्कि उनके सहयोगी भी उन्हें अपमानित करने से नहीं चूक रहे हैं। मुनेश का कहना है कि वह अकेलेपन और चिंता में जी रही हैं, और उनका मनोबल टूट चुका है। उनकी यह व्यथा समाज के सच्चे रूप को दर्शाती है, जहां प्यार को स्वीकार करने की बजाय नफरत और भेदभाव का रुख अपनाया गया।

न्याय से वंचित मुनेश ने प्रशासन से दरख्वास्त की है कि आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, "जब तक ऐसे लोगों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा। समाज में बदलाव लाने के लिए हमें एकजुट होना होगा।" मुनेश की हिम्मत और साहस की तारीफ करनी चाहिए, जो उन्होंने इस मुश्किल समय में भी नजरिया नहीं बदला और अपनी आवाज को उठाने का साहस रखा।

यह घटना निश्चित रूप से एक चेतावनी है कि समाज को अपने भीतर व्याप्त कट्टरता के खिलाफ खड़ा होना होगा। मुनेश का मामला केवल एक व्यक्ति का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की जागरूकता और जिम्मेदारी का संकेत देता है। समाज को ऐसी सोच को खत्म करने के लिए एकजुट होना पड़ेगा, ताकि भविष्य में किसी और को इस तरह की घातक स्थिति का सामना न करना पड़े।

कैराना में हुए इस विवाद ने एक सवाल उठाया है: क्या समाज में प्यार और समर्पण के लिए कोई स्थान नहीं है? मुनेश और उनके परिवार के साथ जो हुआ, वह एक अपमान है, और इस पर चर्चा करना और आंदोलन करना समाज की जिम्मेदारी बनती है। केवल इस तरह ही हम एक समरस और समर्पित समाज की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट गुलवेज आलम
#samjhobharat 
8010884848

No comments:

Post a Comment