कैराना। एकता और भाईचारे का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए मुस्लिम समुदाय ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के तत्वाधान में एक कैंडल मार्च निकाला, जिसमें हिंदू-मुस्लिम की एकता का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सर पर टोपी, हाथ में मोमबत्ती और जुबान पर 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए, जहाँ एक ओर सम्मानित समुदाय के लोग शहीद हिंदू भाइयों को श्रद्धांजलि दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का संकल्प भी व्यक्त कर रहे थे।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में निर्दोष हिंदू नागरिकों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर इस कैंडल मार्च को आयोजित किया। इस प्रदर्शन में विभिन्न धर्मों के लोग हाथ में जलती हुई मोमबत्तियों के साथ चल रहे थे, जो दिखाता है कि भारतीय समाज की असली पहचान उसस के भाई-चारे और एकता में है।
इस कैंडल मार्च में बाजारों और सड़कों पर उतरे मुस्लिम समुदाय के सदस्य एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहे थे। जहां एक ओर मुसलमानों के प्रति भारत में आक्रोश फैल गया है और कुछ लोग उन्हें आतंकवादी नजरिए से देख रहे हैं, वहीं मुस्लिम समुदाय के सदस्य यह स्पष्ट कर रहे थे कि "आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता"। उन्होंने कहा, "यह आतंकवाद पाकिस्तान से फैल रहा है और हम इससे अत्यंत नफरत करते हैं। हम भारत के मुसलमान हैं, और हमारा धर्म मानवता है। हम सभी भारतीयों के साथ हैं, जो शांति और सद्भाव की इच्छा रखते हैं।"
हिंदू-मुस्लिम सामुदायिक एकता: एक मजबूत संदेश!
इस कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के कई प्रतिष्ठित सदस्यों ने भाग लिया, जिन्होंने आतंकवादी गतिविधियों की कड़ी निंदा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि, "हम सभी भारतीय हैं और हमारा धर्म है मानवता। हमें एकजुट होकर इस बुराई का मुकाबला करना होगा।"
इस प्रकार, कैराना के इस कैंडल मार्च ने यह साबित कर दिया कि भारत की पहचान उसकी सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता में है। यह एक ऐसा संदेश है जो केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत है। अब वक्त है कि हम सब मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त आवाज उठाएं और अपने देश को शांति और सद्भाव का गहना बनाएं।
आइए, हम सभी मिलकर ये संकल्प लें कि हम सभी एकजुट रहेंगे और आतंकवादियों के खिलाफ खड़े होकर एक नई दिशा में आगे बढ़ेंगे। "हिंदू-मुस्लिम एकता जिंदाबाद!"
रिपोर्ट गुलवेज आलम
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