कोट बांध के रेगुलेटर की मरम्मत को कहा जायेगा: रेहावली बांध पर कार्य योजना जल्द बने — डॉ मंजू भदौरिया

✍🏻 रिपोर्ट: साजिद अली, ब्यूरो चीफ, समझो भारत (राष्ट्रीय मासिक समाचार पत्रिका)

📍 स्थान: आगरा मंडल, उत्तर प्रदेश
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जिला सिंचाई बंधु की बैठक में जल प्रबंधन के लिए बड़े निर्णय लिए गए

आगरा जनपद के फतेहाबाद विकासखंड स्थित रेहावली गांव की वर्षों पुरानी बहुप्रतीक्षित उटंगन नदी पर बांध योजना अब साकार होने की दिशा में बढ़ रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने सिंचाई विभाग को इस महत्त्वपूर्ण योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया को तेज़ करने और राज्य स्तर तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।


🔹 रेहावली बांध योजना: जल संचय और भूजल रिचार्ज की दिशा में बड़ी पहल

डॉ. भदौरिया ने बताया कि इस योजना को उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया है, और सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है। मई 2024 के अंत में सिंचाई विभाग, अनुसंधान एवं नियोजन खंड अलीगढ़ की इंजीनियरों की टीम ने स्थल निरीक्षण भी कर लिया है, लेकिन इसके पश्चात कोई विशेष कार्यवाही नहीं हो पाई। अब इस योजना को शासन स्तर तक पहुंचाकर उसे वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दिलाने का प्रयास तेज़ होगा।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने भी इस योजना को जनपद की एकमात्र बहुउपयोगी जल संरक्षण योजना बताया है, जो नदी पुनर्जीवन, भूजल रिचार्ज और बाढ़ नियंत्रण जैसे लक्ष्यों को साकार करेगी।


🔹 कोट बांध के रेगुलेटर की मरम्मत की मांग

डॉ. भदौरिया ने धौलपुर जिले के कोट बांध की बिगड़ी हुई स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके सैल्यूस गेट की मरम्मत के लिए राजस्थान सरकार से तत्काल संपर्क किया जाएगा।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने बताया कि कोट बांध का डिस्चार्ज जगनेर की 34 बंधियों को पोषित करता है, लेकिन सैल्यूस गेट खराब होने से अधिकतर पानी व्यर्थ चला जाता है, जिससे जल संरक्षण की संभावनाएं प्रभावित होती हैं।


🔹 ड्रोन मैपिंग और जल संरचनाओं का आधुनिक आकलन

बैठक में डॉ. भदौरिया ने जगनेर क्षेत्र की जल संरचनाओं की ड्रोन मैपिंग करवाने के निर्देश भी दिए ताकि जलभरपूरता की स्थिति और जल संग्रहण क्षमता का यथार्थ आकलन किया जा सके।


🔹 डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की मीटिंग जल्द हो: सिविल सोसाइटी की मांग

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे जिला योजना समिति की बैठक जल्द बुलाने के लिए जनपद के प्रभारी मंत्री से आग्रह करें। इससे चिन्हित जल योजनाओं को वित्तपोषण और प्रशासनिक मंजूरी का मार्ग मिल सकेगा।


🔹 रहन कलां गांव की रेनीवैल योजना पर पुनर्विचार की ज़रूरत

सिविल सोसायटी ने यमुना तटवर्ती रहन कलां गांव में बनने वाली 5 रेनी वेल योजना पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है। इनसे प्रतिदिन 8 करोड़ घन लीटर जल दोहन की बात कही गई है, जो अति-दोहित क्षेत्र के गांवों—खंदौली, एत्मादपुर और बरौली अहीर—को प्रभावित करेगा।
जलभृत तंत्र (Aquifer System) पहले से ही संकट में है, और नदी बहाव की दिशा में जल शून्यता जैसी स्थिति बन सकती है। इस योजना का लाभ-हानि संतुलन पर विचार आवश्यक है।


🔹 उटंगन नदी: राजस्थान से यूपी तक जीवनदायिनी धारा

उल्लेखनीय है कि उटंगन नदी राजस्थान के करौली की पहाड़ियों से निकलकर 288 किमी बहती हुई रेहावली गांव में यमुना से मिलती है। यह खनुआ गांव (राजस्थान) से यूपी के सिरौली गांव में प्रवेश करती है। इस नदी की जलधारा को थामकर भविष्य में कृषि, तीर्थ, और भूजल स्तर के लिए वरदान बनाया जा सकता है।


📌 निष्कर्ष:
रेहावली बांध योजना और कोट बांध की मरम्मत जैसे प्रयास जनपद में जल संकट के समाधान की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। सिंचाई विभाग, नागरिक समाज और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से यह जनहितकारी अभियान जल्द ही साकार रूप ले सकता है।


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✍🏻 साजिद अली, ब्यूरो चीफ, आगरा मंडल
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