स्थान: ठिरवा, थानाभवन (शामली)
रिपोर्टर: पंकज उपाध्याय, "समझो भारत" समाचार पत्रिका
सम्पर्क: #SamjhoBharat | 📞 8010884848
गांव ठिरवा से एक बेहद संवेदनशील पारिवारिक मामला सामने आया है, जहां आपसी वैवाहिक विवाद अब बच्चों की कस्टडी को लेकर गंभीर आरोपों तक पहुंच गया है।
गांव ठिरवा निवासी मनोज पुत्र ईश्वर ने सोमवार, 30 जून को थाना भवन थाने में एक लिखित तहरीर देकर अपनी पत्नी पूजा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मनोज का कहना है कि दो महीने पहले उनके बीच हुए झगड़े के बाद उसकी पत्नी पूजा अपने मायके चली गई थी। उस दौरान वह अपने पीछे दो छोटे बच्चों को छोड़कर गई थी।
लेकिन सोमवार की शाम, पूजा बिना किसी पूर्व सूचना के मायके से लौटकर गांव आई और कथित रूप से चोरी-छिपे बच्चों को लेकर चली गई। मनोज का आरोप है कि जब उसने बच्चों को घर में नहीं पाया, तो वह घबरा गया और उनकी खोज शुरू कर दी। पूछताछ करने पर उसे सूचना मिली कि पूजा बच्चों को लेकर मायके वापस जा रही है।
मनोज ने तत्काल पीछा किया और बच्चों को रास्ते से वापस लाकर उनके साथ जबरन ले जाने की कोशिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद वह सीधे थाना भवन पहुंचा और पूजा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए तहरीर दी।
थाना भवन पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
सवाल जो उठते हैं:
- क्या पूजा का बच्चों को ले जाना मां का स्वाभाविक अधिकार था या वास्तव में यह चोरी-छिपे ले जाने की घटना थी?
- क्या मनोज ने बच्चों को जबरन रोका या पूजा ने बिना बताए उन्हें ले जाकर कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन किया?
- क्या इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई कर पारिवारिक परामर्श और न्यायिक हस्तक्षेप की ज़रूरत है?
निष्कर्ष:
यह मामला न सिर्फ वैवाहिक असहमति की झलक दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब दंपत्ति के बीच संवाद टूट जाता है, तो बच्चे बीच का पुल बनकर भावनात्मक और कानूनी संघर्ष की आग में झुलसते हैं। ज़रूरत है कि ऐसे मामलों में पुलिस, न्यायालय और समाज मिलकर संवेदनशीलता और संतुलन के साथ काम करें ताकि बच्चों का भविष्य किसी भी तरह की लड़ाई का शिकार न बने।
👉 यदि आपके पास भी कोई सामाजिक, पारिवारिक या प्रशासनिक मुद्दा है जिसे "समझो भारत" के माध्यम से उठवाना चाहते हैं, तो हमें संपर्क करें: 8010884848
✍️ "समझो भारत" — जमीनी सच, जमीनी जुबान में
No comments:
Post a Comment