पत्रकार गुलवेज़ आलम ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के नृशंस हमले पर जताया दुःख

कैराना । जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष हिन्दुओं पर हुए नृशंस आतंकी हमले की तस्वीरें देखने के बाद, कैराना के युवा पत्रकार गुलवेज़ आलम ने गहरे दुःख का इज़हार किया है। उन्होंने इस कायराना हमले को अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह घटना मानवता के खिलाफ एक बड़ा अपराध है।

गुलवेज़ ने कहा, "किस तरह के लोग हैं जो निर्दोषों का धर्म पूछकर उन्हें मारते हैं? ये आतंकवादी न केवल हमारे समाज के लिए अपमानजनक हैं, बल्कि वे अपने ही धर्म के लिए भी कलंक हैं। यह कायरता का एक ऐसा उदाहरण है, जो दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग धार्मिक संवेदनाओं को अपने स्वार्थ के लिए भड़काते हैं।"

उन्होंने इस हमले के पीछे छिपे दरिंदों को कतई माफी न मिलने की बात कही। "हर भारतीय नागरिक को एकजुट होकर इन घातक विचारधाराओं का सामना करना होगा। यह हमला हमारे देश की एकता और अखंडता पर सीधा प्रहार है, और हमें एकजुटता के साथ इसका जवाब देना होगा।"

गुलवेज़ ने उन सभी शहीद लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जो इस घटना का शिकार बने, और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। उन्होंने अंत में कहा, "यह समय है जब सभी राजनीतिक दल और भारतीय नागरिक मिलकर आतंक के खिलाफ एक ठोस मोर्चा बनाएं और इन कायरों को अपनी भाषा में जवाब दें।"

गौर करने वाली बात है कि गुलवेज़ आलम केवल एक युवा पत्रकार नहीं हैं, बल्कि वे संयुक्त पत्रकार महासभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी भी हैं। वे कस्बे के वरिष्ठ पत्रकार मरहूम सलीम अहमद के बेटे हैं व देश के विख्यात पत्रकार मुशर्रफ सिद्दीकी के भतीजे है, जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने कार्यों से हमेशा जनहित के मुद्दों को उठाया है। यह हमला न केवल एक समुदाय को प्रभावित करता है, बल्कि यह पूरे देश को झकझोर देने वाला एक गंभीर मुद्दा है, जिसका सामना हमें एकजुट होकर करना होगा।
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