संयुक्त पत्रकार महासभा ने आतंकवाद के खिलाफ उठाई आवाज: ज्ञापन सौंपा

मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश - संयुक्त पत्रकार महासभा ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिला अध्यक्ष नितिन शर्मा के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर सीटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल
2025 को आतंकवादियों द्वारा की गई निंदनीय घटना के प्रति Condemnation और उसके परिणाम स्वरूप शहीद हुए नागरिकों के परिवारों को मुआवज़ा एवं घायलों के लिए सहायता प्रदान करने की मांग को लेकर था। 
महासभा ने ज्ञापन में मांग की कि शहीदों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया जाए, ताकि वे अपने प्रियजनों के खोने के दुख को सहन कर सकें। इसी तरह, जिन लोगों को इस हमले में चोटें आई हैं, उनके लिए 50 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की भी अपील की गई है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरताज अहमद ने इस ज्ञापन के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता और शहीदों के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करने का आह्वान किया।
ज्ञापन सौंपते समय महासभा के अन्य वरिष्ठ सदस्य भी उपस्थित थे। इनमें शामिल थे: 
- मोनू कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
- गुलवेज आलम, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
- अफान अख्तर, प्रदेश
प्रभारी
- सीबा खान, सफीक राजपूत, सचिन सैनी, मोहम्मद असलम, शहजाद अहमद, मोहम्मद शमीम, राशिद अली, एडवोकेट हादी हसन, नकवी, नसीम सैफी, डॉक्टर उस्मान, आरिफ खान, आस मोहम्मद, तौफीक खान, प्रिंस कुमार, प्रदीप कुमार, अजीज अहमद, रविंद्र सिंह, दीपक कुमार (राष्ट्रीय संगठन मंत्री)
- कंवरपाल सिंह, राष्ट्रीय महासचिव
- शुभम अग्रवाल, मवाना तहसील उपाध्यक्ष
- रोहित कुमार, जानसठ तहसील उपाध्यक्ष
- शिवदयाल सिंह, मेरठ महामंत्री
- सत्येंद्र कुमार, मेरठ
- राहुल राठौर, हिमांशु ठाकुर, डॉक्टर संजय, एवं अन्य पत्रकार।

ज्ञापन को अभिव्यक्ति देते हुए, नितिन शर्मा ने कहा, “हम कायरता से किए गए इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक ऐसा समय है जब हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले पर सकारात्मक कार्रवाई करेगी।”

इस पहल के जरिए संयुक्त पत्रकार महासभा ने फिर से यह स्पष्ट किया है कि पत्रकारिता केवल समाचारों का संकलन नहीं है, बल्कि समाज के प्रति एक जिम्मेदारी भी है।
महासभा ने इस ज्ञापन के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि वे सुरक्षा बलों को मजबूत करें और ऐसे अमानवीय हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।

महासभा का यह ज्ञापन और इसके पीछे की भावना सभी सदस्यों के बीच एकजुटता और सहयोग का प्रतीक है, जो आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इस ज्ञापन के माध्यम से एक बार फिर यह सिद्ध हुआ है
कि पत्रकार सिर्फ हकीकत को उजागर करने का कार्य नहीं करते, बल्कि वे समाज में न्याय और मानवता के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। रिपोर्ट गुलवेज आलम
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